Categories: ग़ज़ल

पहले तो मुझे कहा निकालो

Published by
Ameer Minai

पहले तो मुझे कहा निकालो
फिर बोले ग़रीब है बुला लो

बे-दिल रखने से फ़ाएदा क्या
तुम जान से मुझ को मार डालो

उस ने भी तो देखी हैं ये आँखें
आँख आरसी पर समझ के डालो

आया है वो मह बुझा भी दो शम्अ
परवानों को बज़्म से निकालो

घबरा के हम आए थे सू-ए-हश्र
याँ पेश है और माजरा लो

तकिए में गया तो मैं पुकारा
शब तीरा है जागो सोने वालो

और दिन पे ‘अमीर’ तकिया कब तक
तुम भी तो कुछ आप को सँभालो

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Ameer Minai