Categories: कविता

जब यार देखा नैन भर

Published by
Amir Khusro

जब यार देखा नैन भर, दिल की गई चिंता उतर
ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर।

जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया
हक्का इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर।

तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है
तुझ दोस्ती बिसियार है एक शब मिलो तुम आय कर।

जाना तलब तेरी करूँ दीगर तलब किसकी करूँ
तेरी जो चिंता दिल धरूँ, एक दिन मिलो तुम आय कर।

मेरा जो मन तुमने लिया, तुमने उठा ग़म को दिया
तुमने मुझे ऐसा किया, जैसा पतंगा आग पर।

खुसरो कहै बातां ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब
कुदरत खुदा की है अजब, जब जिव दिया गुल लाय कर।

Published by
Amir Khusro