Categories: ग़ज़ल

जाती रुत से प्यार करोगे

Published by
Gauhar Hoshiyarpuri

जाती रुत से प्यार करोगे
कर लो बात उधार करोगे

तब मिल कर एहसान किया था
अब मिल कर ईसार करोगे

जितने ख़्वाब उतनी ताबीरें
कितने दाग़ शुमार करोगे

ऐ इंकार के ख़ूगर लोगो
और भी कोई वार करोगे

उस के नाम को नाव बना कर
प्यासों को सरशार करोगे

फ़र्ज़ करो हम मर न सके तो
जीने से इंकार करोगे

फ़र्ज़ करो हम हार गए तो
क़ब्र कहाँ तय्यार करोगे

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Gauhar Hoshiyarpuri