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बिल्लू का बस्ता – इब्ने इंशा की कविता

Published by
Ibne Insha

छोटी सी बिल्लू, छोटा सा बस्ता
ठूँसा है जिसमें काग़ज़ का दस्ता
लकड़ी का घोड़ा, रुई का भालू
चूरन की शीशी, आलू-कचालू

बिल्लू का बस्ता जिन की पिटारी
जब उसको देखो पहले से भारी
लट्टू भी उसमें, रस्सी भी उसमें
डंडा भी उसमें, गिल्ली भी उसमें

ऐ प्यारी बिल्लू ये तो बताओ
क्या काम करने स्कूल जाओ
उर्दू न जानो, इंग्लिश न जानो
कहती है ख़ुद को बिलक़िस बानो

उम्र की इतनी कच्ची नहीं हो
छः साल की हो बच्ची नहीं हो
बाहर निकालो लकड़ी का घोड़ा
ये लट्टू रस्सी, ये गिल्ली डंडा

गुड़िया के जूते जम्पर जुराबें
बस्ते में रखो अपनी किताबें
मुँह न बनाओ स्कूल जाओ
ऐ प्यारी बिल्लू, ऐ प्यारी बिल्लू!

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Ibne Insha