कविता

नगरपालिका वर्णन – काका हाथरसी की कविता

Published by
Kaka Hathrasi

पार्टी बंदी हों जहाँ, घुसे अखाड़ेबाज़
मक्खी, मच्छर, गंदगी का रहता हो राज
का रहता हो राज, सड़क हों टूटी-फूटी
नगरपिता मदमस्त, छानते रहते बूटी
कहँ ‘काका’ कविराय, नहीं वह नगरपालिका
बोर्ड लगा दो उसके ऊपर ‘नरकपालिका’

295
Published by
Kaka Hathrasi