कविता

मजदूर का जन्म – केदारनाथ अग्रवाल की कविता

Published by
Kedarnath Agarwal

एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!
हाथी सा बलवान,
जहाजी हाथों वाला और हुआ!
सूरज-सा इन्सान,
तरेरी आँखोंवाला और हुआ!!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!
माता रही विचार,
अँधेरा हरनेवाला और हुआ!
दादा रहे निहार,
सबेरा करनेवाला और हुआ!!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!
जनता रही पुकार,
सलामत लानेवाला और हुआ!
सुन ले री सरकार!
कयामत ढानेवाला और हुआ!!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!

मजदूर का जन्म

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Kedarnath Agarwal