Categories: कविता

बहुत दिन बीते पिया को देखे

Published by
Amir Khusro

बहुत दिन बीते पिया को देखे,
अरे कोई जाओ, पिया को बुलाय लाओ
मैं हारी, वो जीते, पिया को देखे बहुत दिन बीते।

सब चुनरिन में चुनर मोरी मैली,
क्यों चुनरी नहीं रंगते?
बहुत दिन बीते।

खुसरो निजाम के बलि बलि जइए,
क्यों दरस नहीं देते?
बहुत दिन बीते।

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Amir Khusro