कविता

अंतरद्वंद्व – अटल बिहारी वाजपेयी की कविता

Published by
Atal Bihari Vajpayee

क्या सच है, क्या शिव, क्या सुंदर?
शव का अर्चन,
शिव का वर्जन,
कहूँ विसंगति या रूपांतर?

वैभव दूना,
अंतर सूना,
कहूँ प्रगति या प्रस्थलांतर?

अंतरद्वंद्व

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Atal Bihari Vajpayee