Categories: कविता

अभी निकटता बहुत दूर है

Published by
Balbir Singh Rang

अभी निकटता बहुत दूर है,
अभी सफलता बहुत दूर है,
निर्ममता से नहीं, मुझे तो ममता से भय है ।
अभी तो केवल परिचय है ।

माना जीवन स्नेह चाहता,
स्नेह नहीं संदेह चाहता,
किसी और पर नहीं, मुझे अपने पर संशय है ।
अभी तो केवल परिचय है ।

कवि के गीत रिझाते जग को,
कवि के गीत रुलाते जग को,
इसमें कवि का क्या है, यह तो कविता की जय है ।
अभी तो केवल परिचय है ।

2
Published by
Balbir Singh Rang