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अफ़सर मेरठी के चुनिंदा शेर

तारों का गो शुमार में आना मुहाल है
लेकिन किसी को नींद न आए तो क्या करे


दुख में सुख में हर हालत में भारत दिल का सहारा है
भारत प्यारा देश हमारा सब देशों से प्यारा है


है तेरे लिए सारा जहाँ हुस्न से ख़ाली
ख़ुद हुस्न अगर तेरी निगाहों में नहीं है


सुख में होता है हाफ़िज़ा बेकार
दुख में अल्लाह याद आता है


हाए वो जिस की उम्मीदें हों ख़िज़ाँ पर मौक़ूफ़
शाख़-ए-गुल सूख के गिर जाए तो काशाना बने


मुझे फ़र्दा की फ़िक्र क्यूँ-कर हो
ग़म-ए-इमरोज़ खाए जाता है


जब सफ़र ‘अफ़सर’ कभी करते नहीं
देखे फिर क्यूँ हो तुम मंज़िल के ख़्वाब

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By: Afsar Merathi

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