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प्रेम – अंजना टंडन की कविता

Published by
Anjana Tandon

प्रेम
अकेलेपन की उपज नहीं
किसी आकर्षण का दस्तावेज़ भी नहीं,
जैसे
उबाऊ दुपहरी में
टूटे आइने का टुकड़ा ले
आहते में सूरज पकड़ता बच्चा,
पुलक इस ब्रह्माण्ड का
सबसे लोकप्रिय शब्द है
ठीक वैसे जैसे
विस्मय में होने का सुकून,
दोनों का बराबर बने रहना ज़रूरी है,
सम्बन्धों में और सोच में भी,

प्रतिबिम्बित सुकून की लौकिकता है प्रेम!

Published by
Anjana Tandon