शेर

बशर नवाज़ के चुनिंदा शेर

Published by
Bashar Nawaz

दे निशानी कोई ऐसी कि सदा याद रहे
ज़ख़्म की बात है क्या ज़ख़्म तो भर जाएँगे


तेज़ हवाएँ आँखों में तो रेत दुखों की भर ही गईं
जलते लम्हे रफ़्ता रफ़्ता दिल को भी झुलसाएँगे


बशर नवाज़ के चुनिंदा शेर

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