शेर

फ़हमी बदायूनी के चुनिंदा शेर

Published by
Fahmi Badayuni

निगाहें करती रह जाती हैं हिज्जे
वो जब चेहरे से इमला बोलता है


टहलते फिर रहे हैं सारे घर में
तिरी ख़ाली जगह को भर रहे हैं


शहसवारों ने रौशनी माँगी
मैं ने बैसाखियाँ जला डाली


फ़हमी बदायूनी के शेर

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Fahmi Badayuni