पूछ लेते वो बस मिज़ाज मिरा
कितना आसान था इलाज मिरा
मैं ने उस की तरफ़ से ख़त लिक्खा
और अपने पते पे भेज दिया
परेशाँ है वो झूटा इश्क़ कर के
वफ़ा करने की नौबत आ गई है
ख़ुशी से काँप रही थीं ये उँगलियाँ इतनी
डिलीट हो गया इक शख़्स सेव करने में
ख़ूँ पिला कर जो शेर पाला था
उस ने सर्कस में नौकरी कर ली
जब तलक क़ुव्वत-ए-तख़य्युल है
आप पहलू से उठ नहीं सकते
उसे ले कर जो गाड़ी जा चुकी है
मैं शायद उस के नीचे आ रहा हूँ
आप तशरीफ़ लाए थे इक रोज़
दूसरे रोज़ ए’तिबार हुआ
बदन का ज़िक्र बातिल है तो आओ
बिना सर पैर की बातें करेंगे
आज पैवंद की ज़रूरत है
ये सज़ा है रफ़ू न करने की
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