शेर

मीना कुमारी नाज़ के चुनिंदा शेर

Published by
Meena Kumari

आँखों को देखते ही बोले
बिन पिए कोई मदहोश आया


जब चाहा इक़रार किया है जब चाहा इंकार किया
देखो हम ने ख़ुद ही से ये कैसा अनोखा प्यार किया


दिल तोड़ दिया उस ने ये कह के निगाहों से
पत्थर से जो टकराए वो जाम नहीं होता


शम्अ’ हूँ फूल हूँ या रेत पे क़दमों का निशाँ
आप को हक़ है मुझे जो भी जी चाहे कह लें


मीना कुमारी नाज़ के चुनिंदा शेर


968

Page: 1 2

Published by
Meena Kumari