कविता

ग़रीबी – धूमिल की कविता

Published by
Sudama Pandya 'Dhumil'

ग़रीबी
एक ख़ुली हुई क़िताब
जो हर समझदार
और मूर्ख के हाथ में दे दी गई है।
कुछ उसे पढ़ते हैं
कुछ उसके चित्र देख
उलट-पुलट रख देते
नीचे ’शो-केस’ के।

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Sudama Pandya 'Dhumil'