फूल भेजे हैं जो तू ने पौदों के हाथ
सारे दिन आज खेला हूँ मैं उन के साथ
और कलियाँ खिला और कलियाँ खिला
ऐ ख़ुदा ऐ ख़ुदा ऐ ख़ुदा
रात तारों से झोली भरे आई थी
घुप अंधेरा मगर साथ वो लाई थी
मैं कभी ख़ुश हुआ मैं कभी डर गया
ऐ ख़ुदा ऐ ख़ुदा ऐ ख़ुदा ऐ ख़ुदा
पत्तियाँ हैं हथेली पे मोती लिए
तू ने पौदों को ये सब खिलौने दिए
उन से आता नहीं है मगर खेलना
ऐ ख़ुदा ऐ ख़ुदा ऐ ख़ुदा ऐ ख़ुदा
गाना चिड़ियाँ जो गाती हुई आई हैं
सुब्ह को चहचहाती हुई आई हैं
इन को तू ने बताया है मेरा पता
ऐ ख़ुदा ऐ ख़ुदा ऐ ख़ुदा ऐ ख़ुदा