मैंने कठैती हड्डियों वाला एक हाथ देखा–
रंग में काला और धुन में कठोर।
मैंने उस हाथ की आत्मा देखी–
साँवली और कोमल
और कथा-कहानियों से भरपूर!
मैंने पत्थरों में खिंचा
सन्नाटा देखा।
जिसे संस्कृति कहते हैं।
मैंने एक आँख वाला
इतिहास देखा
जिसे फ़िलहाल सत्य कहते हैं।