कविता

सभी लोग लगे हैं काम में

Published by
Doodhnath Singh

सभी लोग लगे हैं काम में
चले गए । मैं हूँ आराम में
हमाम में । याद करूँगा तुम्हें
शाम में । सब होंगे अपने
धन-धाम में । मैं बैठा रहूँगा
अन्तिम विराम में ।
नीरस निष्काम में
तमाम में ।

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Doodhnath Singh