इतनी हरियाली के बावजूद अर्जुन को नहीं मालूम उसके गालों की हड्डी क्यों उभर आई है । उसके बाल सफ़ेद क्यों हो गए हैं । लोहे की छोटी-सी दुकान में बैठा हुआ आदमी सोना और इतने बड़े खेत में खड़ा आदमी मिट्टी क्यों हो गया है ।
हरित क्रान्ति