जंग इक जोश है
आग है, रोष है
बस उन्हीं के लिए
जिनको सरहद पे गोली चलाना नहीं
जिनके सीने किसी का निशाना नहीं
जंग सौभाग है
जज़्ब है, त्याग है
बस उन्हीं के लिए
जिनकी माओं के दिल आज़माना नहीं
जिनके बच्चों को ये ग़म उठाना नहीं
जंग इक शौक़ है
रंग है, ज़ौक़ है
बस उन्हीं के लिए
बेनियाज़ी का जिनकी ठिकाना नहीं
मौत क्या है जिन्होंने ये जाना नहीं
जंग होने की ख़ुशियाँ मनाते हैं वो
…
गोरकुन या के मुर्दे जलाते हैं, वो।
या कफ़न की दुकानें चलाते हैं, वो।