क़द में तो कर चुका था वो अहमक़ बराबरीमजबूर सर्व को तिरी रफ़्तार ने किया
बस्तियाँ ही बस्तियाँ हैं गुम्बद-ए-अफ़्लाक मेंसैकड़ों फ़रसंग मजनूँ से बयाबाँ रह गया
Page: 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10