दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
भारत के ऐ सपूतो हिम्मत दिखाए जाओ
दुनिया के दिल पे अपना सिक्का बिठाए जाओ
ऐ हिंदूओ मुसलमाँ आपस में इन दिनों तुम
नफ़रत घटाए जाओ उल्फ़त बढ़ाए जाओ
तन-मन मिटाए जाओ तुम नाम-ए-क़ौमीयत पर
राह-ए-वतन पर अपनी जानें लड़ाए जाओ
लाल चन्द फ़लक के चुनिंदा शेर