शेर

शेख़ इब्राहीम ज़ौक़ के चुनिंदा शेर

Published by
Muhammad Ibrahim Zauq

हो गया मौक़ूफ़ ये ‘सौदा’ का बिल्कुल एहतिराक़
लाला बे-दाग़-ए-सियह पाने लगा नश्व-ओ-नुमा


दीं क्यों कि न वो दाग़-ए-अलम और ज़ियादा
क़ीमत में बढ़े दिल के दिरम और ज़ियादा


968

Page: 1 2 3 4 5 6 7 8

Published by
Muhammad Ibrahim Zauq