loader image

उमर अंसारी के चुनिंदा शेर

उठा ये शोर वहीं से सदाओं का क्यूँ-कर
वो आदमी तो सुना अपने घर में तन्हा था


वही दिया कि थीं आजिज़ हवाएँ जिन से ‘उमर’
किसी के फिर न जलाए जला बुझा ऐसा


875

Add Comment

By: Umar Ansari

© 2023 पोथी | सर्वाधिकार सुरक्षित

Do not copy, Please support by sharing!