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कैफ़ी आज़मी के चुनिंदा शेर

रोज़ बस्ते हैं कई शहर नए
रोज़ धरती में समा जाते हैं


कैफ़ी आज़मी के चुनिंदा शेर


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By: Kaifi Azmi

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