महफ़िल-ए-इश्क़ में वो नाज़िश-ए-दौराँ आया
ऐ गदा ख़्वाब से बेदार कि सुल्ताँ आया
शबाब-ए-रफ़्ता के क़दम की चाप सुन रहा हूँ मैं
नदीम अहद-ए-शौक़ की सुनाए जा कहानियाँ
महफ़िल-ए-इश्क़ में वो नाज़िश-ए-दौराँ आया
ऐ गदा ख़्वाब से बेदार कि सुल्ताँ आया
शबाब-ए-रफ़्ता के क़दम की चाप सुन रहा हूँ मैं
नदीम अहद-ए-शौक़ की सुनाए जा कहानियाँ
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