शेर

जौन एलिया के चुनिंदा शेर

Published by
Jaun Elia

नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम
बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम


अब तो हर बात याद रहती है
ग़ालिबन मैं किसी को भूल गया


अपने सब यार काम कर रहे हैं
और हम हैं कि नाम कर रहे हैं


काम की बात मैं ने की ही नहीं
ये मिरा तौर-ए-ज़िंदगी ही नहीं


इक अजब हाल है कि अब उस को
याद करना भी बेवफ़ाई है


जान-लेवा थीं ख़्वाहिशें वर्ना
वस्ल से इंतिज़ार अच्छा था


मुझ को आदत है रूठ जाने की
आप मुझ को मना लिया कीजे


यूँ जो तकता है आसमान को तू
कोई रहता है आसमान में क्या


कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे
जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे


एक ही तो हवस रही है हमें
अपनी हालत तबाह की जाए


985

Page: 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17

Published by
Jaun Elia