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फैज़ अहमद फैज़ के चुनिंदा शेर

हाँ नुक्ता-वरो लाओ लब-ओ-दिल की गवाही
हाँ नग़्मागरो साज़-ए-सदा क्यूँ नहीं देते


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By: Faiz Ahmad Faiz

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