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बशीर बद्र के चुनिंदा शेर

ग़ज़लों ने वहीं ज़ुल्फ़ों के फैला दिए साए
जिन राहों पे देखा है बहुत धूप कड़ी है


यूँ तरस खा के न पूछो अहवाल
तीर सीने पे लगा हो जैसे


सुनाते हैं मुझे ख़्वाबों की दास्ताँ अक्सर
कहानियों के पुर-असरार लब तुम्हारी तरह


सुना के कोई कहानी हमें सुलाती थी
दुआओं जैसी बड़े पान-दान की ख़ुशबू


बशीर बद्र के शेर

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By: Bashir Badr

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