रेहन सरशारी-फ़ज़ा के हैं
आज के बा’द हम हवा के हैं
क्या हुए सूरत-निगाराँ ख़्वाब के
ख़्वाब के सूरत-निगाराँ क्या हुए
आप अपनी गली के साइल को
कम से कम पर सवाल तो रखिए
रेहन सरशारी-फ़ज़ा के हैं
आज के बा’द हम हवा के हैं
क्या हुए सूरत-निगाराँ ख़्वाब के
ख़्वाब के सूरत-निगाराँ क्या हुए
आप अपनी गली के साइल को
कम से कम पर सवाल तो रखिए
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