loader image

जौन एलिया के चुनिंदा शेर

ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को
अपने अंदाज़ से गँवाने का


मैं रहा उम्र भर जुदा ख़ुद से
याद मैं ख़ुद को उम्र भर आया


बिन तुम्हारे कभी नहीं आई
क्या मिरी नींद भी तुम्हारी है


अब मिरी कोई ज़िंदगी ही नहीं
अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या


यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का
वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे


दिल की तकलीफ़ कम नहीं करते
अब कोई शिकवा हम नहीं करते


याद उसे इंतिहाई करते हैं
सो हम उस की बुराई करते हैं


अब नहीं कोई बात ख़तरे की
अब सभी को सभी से ख़तरा है


तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो
मैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो


अपना रिश्ता ज़मीं से ही रक्खो
कुछ नहीं आसमान में रक्खा


985

Add Comment

By: Jaun Elia

© 2023 पोथी | सर्वाधिकार सुरक्षित

Do not copy, Please support by sharing!