जिगर मुरादाबादी के चुनिंदा शेर By: Jigar Moradabadi शेर मर्ग-ए-आशिक़ तो कुछ नहीं लेकिनइक मसीहा-नफ़स की बात गई 968 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 FacebookXPinterestWhatsApp